Which Is The World's Oldest Religion



सनातन का अर्थ है शाश्वत। अर्थातजो सदा से हो और सदा के लिए हो। अपने अर्थ की तरह यह धर्म भी अनादि काल से विद्यमान है और अनंत तक विद्यमान रहेगा। बड़े-बड़े ज्ञानी और इतिहासकार भी इस धर्म को ही संसार का सबसे प्राचीन धर्म मानते हैं। विद्वानों के अनुसार सनातन धर्म की उत्पत्ति श्रष्टि के साथ हुई हैइस धर्म को स्वयं देवी और देवताओं के द्वारा ही स्थापित किया गया है। इसीलिएसनातन धर्म को सबसे प्राचीन और पवित्र ग्रन्थ माना गया है। सनातन धर्म के सबसे प्राचीन होने का पहला प्रमाण है- गीता। 

 

गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है – 

 

यदा-यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।

अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।

 

अर्थातपृथ्वी पर जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म बढ़ता है। तब-तब मैं धर्म की स्थापना के लिए अवतरित होता हूँ। इस श्लोक से यह बात प्रमाणित हो जाती है कि अधर्म के बढ़ने पर स्वयं भगवान अवतार लेकर सनातन धर्म की रक्षा करते हैं और उसे स्थापित करते हैं।सनातन धर्म के अनुसार कलयुग में जब अधर्म अपने चरम पर होगा तब ईश्वर कल्कि अवतार लेकर फिर से सनातन धर्म को स्थापित करेंगे। 

 

सनातन धर्म के सबसे प्राचीन होने का दूसरा प्रमाण हैं वेद। संसार का सबसे प्राचीन ग्रन्थ ऋग्वेद को माना जाता है। कहा जाता है कि इसकी उत्पत्ति स्वयं भगवान विष्णु से हुई और फिर पीढ़ी दर पीढ़ी ऋग्वेद को आगे बढ़ाया गया है। यहांऋग्वेद के बारे में एक बात और प्रचलित हैकहा जाता है कि ऋग्वेद 3800 वर्ष पूर्व लिखा गया। जबकिइससे पहले इसे सिर्फ मौखिक रूप से आगे बढ़ाया गया था। इससे यह बात और प्रमाणित होती है कि ऋग्वेद में जिस सनातन धर्म की बातों का उल्लेख मिलता है कि वह कितना प्राचीन है। 

 

 

सनातन धर्म के प्राचीनतम होने का सबसे बड़ा प्रमाण है सिंधु घाटी सभ्यता। क्योंकिसिंधु घाटी सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है और इस सभ्यता में जो प्रमाण मिलते हैंवह सनातन संस्कृति का पुरजोर समर्थन करते हैं। करीब ८००० वर्ष पुरानी इस सभ्यता में मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की खोदाई में जो शहर मिलते हैं उसने सनातन संस्कृति के सबूत मिलते हैंजैसे – प्रकृति पूजामातृ व् सूर्य पूजामूर्ति पूजा। इसके अलावा यहां से भगवान पशुपति की मूर्ति भी प्राप्त हुई हैजिसे सनातन संस्कृति के सबसे बड़े साक्ष्य के रूप में देखा जाता है।

 

इतिहास ने कई धर्मों का जिक्र हैजो अब पतन की ओर हैं। इसका कारण है कि उस धर्म ने जीवन के मर्म को नहीं समझा और अडिग रहा। लेकिंनसनातन धर्मधर्म के अर्थ को बहुत ही विस्तृत तरीके से समझता है। यह धर्म समय के साथ परिवर्तन करता है और धर्म के अर्थ को भी बदलता रहता हैयही कारण है कि प्राचीनतम होते हुए भी यह धर्म अब तक विद्यमान है और तेज़ी से श्रष्टि सनातन परम्परा की ओर बढ़ रही है। यह धर्म परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है के सूत्रवाक्य को अपनाती है। 

 

कहा जाता है कि एक समय था जब सनातन धर्म पूरे संसार में व्याप्त था। प्राचीन काल में भारत कि सीमा अफगानिस्तान के हिंदूकश से लेकर अरुणाचल तक तो कश्मीर से लेकर श्रीलंका तक फैली थीं। वहीं दूसरी ओर अरुणाचल से लेकर इंडोनेशिया व् मलेशिया तक इसकी सीमा थी।  जहां-जहाँ अखंड भारत के सम्राटों का साम्राज्य रहावहां तक संतान धर्म भी विकसित रहा। हाल ही में मैक्सिको में एक खोदाई के दौरान भगवान गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियां इस बात का प्रमाण है और तो और स्पेन में हजारों वर्ष पुराना भगवान विष्णु का मंदिर भी सनातन धर्म के प्राचीनतम होने का समर्थन करता है।  इसके अलावा इंडोनेशियाचीनरूसमलेशिया में भी कई ऐसे साक्ष्य मिले हैंजिनसे प्रमाणित होता है कि सनातन धर्म ही संसार का सबसे प्राचीन धर्म था। 


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