How Is Dharma Different From Religion
मनुष्य में असीमित शक्तियां हैं, वह असाधारण है। वह चाहे तो अपनी इन्द्रियों को जागृत करके किसी भी असम्भव कार्य को संभव कर सकता है। हमारे पुराणों व ग्रंथों में ऋषि-मुनियों ने ऐसा करके भी दिखाया है। लेकिन, इन असीमित शक्तियों को एक सकारात्मक दृष्टि देकर मनुष्य को मानव योनि की प्राप्ति का उद्देश्य बताने के लिए ही धर्म की उत्पत्ति हुई, धर्म एक ऐसी अवधारणा है जो हमे जीवन का मर्म समझाती है। धर्म हमें बताता है कि हमारी इन असीमित शक्तियों का केंद्र ब्रह्म ही है और समस्त ब्रह्माण्ड में सबकुछ उसकी ही ऊर्जा से चल रहा है।
लेकिन, इस ब्रह्म तक पहुँचने का मार्ग बताने के लिए किसी ऐसी मान्यता का होना आवश्यक हो जाता है, जिसपर मनुष्य का अचेतन मन स्थिर हो सके और उसका अनुसरण करके अपने उद्देश्यों की पूर्ति कर सके। यहीं से मजहब या पथ, मत की उत्पत्ति होती है, जो हमें ईश्वर यानी ब्रह्म तक ले जाने का मार्ग बताती है। इसीलिए, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि धर्म एक क्रियात्मक वस्तु है और मजहब या मत विश्वासत्मक वस्तु है।
सनातन धर्म या हिन्दू धर्म
जीवन के मार्ग को जितना तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सनातन धर्म में परिभाषित किया गया है, उतना और कहीं नहीं। इसलिए सनातन को सिर्फ धर्म नहीं जीवन जीने की कला भी कहा जाता है। संसार का यह अकेला धर्म है, जो हमें मनुष्यता से जोड़ता है और स्वयं का ईश्वर चुनने की स्वतंत्रता देता है। यह वह धर्म है, जो हमें प्रश्न करने की स्वतंत्रता देता है। क्योंकि, मनुष्य की असीमित शक्तियों का विकास प्रश्नो से ही होता है, हिन्दू या सनातन धर्म के अलावा ऐसा और कोई पंत नहीं जो प्रश्नो को स्वीकार करे और उनके प्रतिउत्तर से निकने वाले समाधानों को अपनाये और समय के साथ खुद में परिवर्तन करे। इसलिए, धर्म और जीवन संस्कृति का मार्ग बताने वाला एक मात्र सनातन ही है।
मजहब ( Religion ) का अर्थ
मजहब का अर्थ है मान्यता अर्थात हम किस मान्यता या किस रास्ते को अपनाकर ब्रह्म का साक्षात्कार करना चाहते हैं। जैसा कि ऊपर ही बताया जा चुका हैं कि धर्म एक क्रियात्मक वस्तु है और मजहब या मत विश्वासत्मक वस्तु है। हर मजहब या मत में ईश्वर तक पहुंचने के अलग- अलग मार्ग हैं। कहीं सरल मार्ग बताया गया है तो कहीं थोड़ा कठिन। लेकिन, सभी रास्ते जाते ब्रह्म तक ही हैं। जहाँ तक हिन्दू या सनातन धर्म की बात है तो इसमें ईश्वरत्व प्राप्ति का मार्ग बहुत ही सरल है, इस धर्म में बताया गया मार्ग मनुष्य को सभी प्रकार के बंधनों से मुक्त करता है और मोक्ष के मार्ग तक ले जाता है।
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